MP Election: मध्‍य प्रदेश में क‍िस पार्टी की बनेगी सरकार, 4 फीसदी वोटर न‍िभाते हैं न‍िर्णायक भूम‍िका, जानें पूरा स‍ियासी दांव पेंच

Madhya Pradesh Election 2023: मध्‍य प्रदेश चुनाव की तारीख बेहद नजदीक आ रही है. राजनीत‍ि दल अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्‍वस्‍त द‍िख रहे हैं. इस बार प्रदेश में कुल 5 करोड़ 60 लाख मतदाता हैं. इन मतदाताओं में 22 लाख 36 हजार वोटर पहली बार मतदान करेंगे. यह आंकड़ा कुल वोटरों का 4 फीसदी के आसपास है. यह आंकड़ा कोई छोटा-मोटा नहीं है बल्‍क‍ि वास्‍त‍िवकता यह है क‍ि ज‍िस तरफ यह वोट बैंक चला गया उसकी सरकार बनना लगभग तय है. इसका अंदाजा साल 2018 के व‍िधानसभा चुनाव के नतीजों से लगाया जा सकता है.  प‍िछले चुनाव पर गौर की जाए तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच महज आधे प्रतिशत से भी कम का फासला रहा था. बीजेपी को 41.02 फीसदी वोट हा‍स‍िल हुए थे तो कांग्रेस को 40.89 फीसदी मत प्राप्‍त हुए थे. इन दोनों के बीच प्राप्‍त मतों का अंतराल मात्र 0.13 फीसदी का रहा था. इस मामूली अंतराल ने कांग्रेस को बीजेपी से ऊपर खड़ा कर दिया था. यही वजह भी थी कि कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हो गई. कांग्रेस 114 सीट जीतकर सत्‍ता पर काब‍िज हुई थी. बीजेपी को 109 सीटों पर संतोष करना पड़ा था.   'पीएम मोदी कर रहे नए वोटरों को र‍िझाने की कोश‍िश'   मध्‍य प्रदेश की राजनीत‍िक तस्वीर यहीं से साफ होती है. पिछले चुनाव में दोनों पार्टियों को लगभग बराबर-बराबर वोट मिले थे तो नया वोटर ही इस बार सरकार तय करने जा रहा है. 2018 के बाद का डेढ़ साल निकाल दें तो ये ऐसा वोटर है जिसने केंद्र और प्रदेश दोनों ही जगह सिर्फ बीजेपी की सरकार देखी है. मोदी और शिवराज के काम करने का तरीका महसूस किया है. यही वजह है कि पीएम मोदी मध्य प्रदेश में जहां भी चुनावी सभा कर रहे हैं. वो नए मतदाताओं को रिझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.    कांग्रेस का 39 लाख बेरोजगारों को लुभाने का प्रयास इस बीच देखा जाए तो ऐसा नहीं है कि नए वोटर पर सिर्फ बीजेपी की नजर है. कांग्रेस के जिला दफ्तरों में नए वोटर को रिझाने की अलग से तैयारी हो रही. आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में 39 लाख के करीब युवा ऐसे हैं जो बेरोजगार हैं. कांग्रेस पार्टी इनको नौकरी का वादा देकर अपने पाले में लाने का भरसक प्रयास कर रही है. युवाओं को अपने साथ लाने को दोनों पार्ट‍ियां पूरी जी जान से जुटी हैं.   बता दें बीजेपी ने अब तक 23 हजार ग्राम पंचायतों में 15 हजार से ज्यादा युवा चौपाल कार्यक्रम आयोजित किए हैं तो कांग्रेस के नेता हर चुनावी मंच से सरकारी नौकरी के वादे कर र‍िझाने का प्रयास कर रहे हैं.   महिलाओं को लेकर शुरू की गईं ये तमाम योजनाएं   एमपी चुनाव में युवाओं के बाद स‍ियासी दलों की पैनी नजर मह‍िला वोट बैंक पर ट‍िकी है. प्रदेश की शिवराज सरकार ने महिलाओं को लेकर तमाम योजनाएं शुरू की हुई हैं. इसमें मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना से लेकर मुख्यमंत्री लाडली बहना आवास योजना, नारी सम्मान कोष की स्थापना, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, उदिता योजना, ललिता योजना और किशोरी बालिका योजना प्रमुख हैं.  लाडली बहना योजना के मास्टरस्ट्रोक साबित होने की उम्‍मीद  इसके अलावा भर्ती के पदों पर 35 फीसदी आरक्षण का दांव भी शिवराज सरकार ने चला है लेकिन इन सबके बीच चुनाव में जिस मुद्दे को सबसे बड़ा बनाया जा रहा वो लाडली बहना योजना है. बीजेपी को लगता है कि यही योजना उसके ल‍िए चुनाव में मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकती है. महिलाओं का मासिक भत्ता 3,000 रुपए करने का वादा  एमपी सरकार ने इसी साल 5 मार्च को गरीब महिलाओं के लिए इस योजना की शुरुआत की थी. इसके  जरिये महिलाओं को पहले एक हजार रुपये मासिक भत्ता दिया जाता था. लेकिन अब इसकी राशि बढ़ाकर 1250 रुपये कर दी गई है. बीजेपी का वादा तो यह है कि आने वाले दिनों में इसे बढ़ाकर 3,000 रुपये किया जाएगा. इस योजना को भुनाने का प्रयास भी बीजेपी के बड़े नेता मंच से खूब कर रहे हैं. कांग्रेस भी चुनावी वादा कर है कि अगर सत्‍ता में आएंगे तो महिलाओं को 1500 रुपये की मदद की जाएगी.   'गैर-कांग्रेसी प्रत्‍याशी की मदद से होगा बीजेपी को फायदा' बीजेपी एमपी के चुनावी रण को कुछ चाणक्‍य नीत‍ि के साथ खेल रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह  ने सपा-बसपा के प्रत्याशियों के सहारे नई रणनीति तैयार की है. ग्वालियर में अमित शाह ने बीजेपी नेताओं से गैर कांग्रेस प्रत्याशियों की मदद के लिए कहा था. उन्होंने उदाहरण देते हुए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का जिक्र किया था. तर्क दिया कि ये दल कांग्रेस के वोट काटेंगे और बीजेपी को फायदा होगा.  रैल‍ियों में अब श‍िवराज सरकार की योजनाओं का ज‍िक्र ज्‍यादा चुनाव नजदीक आते-आते अब बीजेपी श‍िवराज स‍िंह चौहान सरकार की योजनाओं की तारीफ कर वोटर को र‍िझाने की कोश‍िश कर रही है. पहले की चुनावी जनसभाओं व रैल‍ियों में अब श‍िवराज सरकार की योजनाओं को बखान ज्‍यादा हो रहा है जोक‍ि चुनावी रणनीत‍ि में थोड़े बदलाव को दर्शा रहा है. हालांक‍ि बीजेपी सामूह‍िक नेतृत्‍व के साथ चुनावी समर में उतरी हुई है. एमपी चुनाव के पर‍िणाम क्‍या रहेंगे, यह तो आने वाली 3 द‍िसंबर की तारीख ही तय करेगी. मध्‍य प्रदेश की 230 व‍िधानसभा सीटों पर चुनाव 17 नवंबर को होंगे.     यह भी पढ़ें: MP Election 2023: मध्य प्रदेश में बीजेपी खेल रही मास्टरस्ट्रोक, सपा और बसपा के सहारे कांग्रेस को मात देने की तैयारी

MP Election: मध्‍य प्रदेश में क‍िस पार्टी की बनेगी सरकार, 4 फीसदी वोटर न‍िभाते हैं न‍िर्णायक भूम‍िका, जानें पूरा स‍ियासी दांव पेंच

Madhya Pradesh Election 2023: मध्‍य प्रदेश चुनाव की तारीख बेहद नजदीक आ रही है. राजनीत‍ि दल अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्‍वस्‍त द‍िख रहे हैं. इस बार प्रदेश में कुल 5 करोड़ 60 लाख मतदाता हैं. इन मतदाताओं में 22 लाख 36 हजार वोटर पहली बार मतदान करेंगे. यह आंकड़ा कुल वोटरों का 4 फीसदी के आसपास है. यह आंकड़ा कोई छोटा-मोटा नहीं है बल्‍क‍ि वास्‍त‍िवकता यह है क‍ि ज‍िस तरफ यह वोट बैंक चला गया उसकी सरकार बनना लगभग तय है. इसका अंदाजा साल 2018 के व‍िधानसभा चुनाव के नतीजों से लगाया जा सकता है. 
 
प‍िछले चुनाव पर गौर की जाए तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच महज आधे प्रतिशत से भी कम का फासला रहा था. बीजेपी को 41.02 फीसदी वोट हा‍स‍िल हुए थे तो कांग्रेस को 40.89 फीसदी मत प्राप्‍त हुए थे. इन दोनों के बीच प्राप्‍त मतों का अंतराल मात्र 0.13 फीसदी का रहा था. इस मामूली अंतराल ने कांग्रेस को बीजेपी से ऊपर खड़ा कर दिया था. यही वजह भी थी कि कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हो गई. कांग्रेस 114 सीट जीतकर सत्‍ता पर काब‍िज हुई थी. बीजेपी को 109 सीटों पर संतोष करना पड़ा था.  

'पीएम मोदी कर रहे नए वोटरों को र‍िझाने की कोश‍िश'  

मध्‍य प्रदेश की राजनीत‍िक तस्वीर यहीं से साफ होती है. पिछले चुनाव में दोनों पार्टियों को लगभग बराबर-बराबर वोट मिले थे तो नया वोटर ही इस बार सरकार तय करने जा रहा है. 2018 के बाद का डेढ़ साल निकाल दें तो ये ऐसा वोटर है जिसने केंद्र और प्रदेश दोनों ही जगह सिर्फ बीजेपी की सरकार देखी है. मोदी और शिवराज के काम करने का तरीका महसूस किया है. यही वजह है कि पीएम मोदी मध्य प्रदेश में जहां भी चुनावी सभा कर रहे हैं. वो नए मतदाताओं को रिझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.   

कांग्रेस का 39 लाख बेरोजगारों को लुभाने का प्रयास
 
इस बीच देखा जाए तो ऐसा नहीं है कि नए वोटर पर सिर्फ बीजेपी की नजर है. कांग्रेस के जिला दफ्तरों में नए वोटर को रिझाने की अलग से तैयारी हो रही. आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में 39 लाख के करीब युवा ऐसे हैं जो बेरोजगार हैं. कांग्रेस पार्टी इनको नौकरी का वादा देकर अपने पाले में लाने का भरसक प्रयास कर रही है. युवाओं को अपने साथ लाने को दोनों पार्ट‍ियां पूरी जी जान से जुटी हैं.  

बता दें बीजेपी ने अब तक 23 हजार ग्राम पंचायतों में 15 हजार से ज्यादा युवा चौपाल कार्यक्रम आयोजित किए हैं तो कांग्रेस के नेता हर चुनावी मंच से सरकारी नौकरी के वादे कर र‍िझाने का प्रयास कर रहे हैं.  

महिलाओं को लेकर शुरू की गईं ये तमाम योजनाएं  

एमपी चुनाव में युवाओं के बाद स‍ियासी दलों की पैनी नजर मह‍िला वोट बैंक पर ट‍िकी है. प्रदेश की शिवराज सरकार ने महिलाओं को लेकर तमाम योजनाएं शुरू की हुई हैं. इसमें मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना से लेकर मुख्यमंत्री लाडली बहना आवास योजना, नारी सम्मान कोष की स्थापना, मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, उदिता योजना, ललिता योजना और किशोरी बालिका योजना प्रमुख हैं. 
 
लाडली बहना योजना के मास्टरस्ट्रोक साबित होने की उम्‍मीद 

इसके अलावा भर्ती के पदों पर 35 फीसदी आरक्षण का दांव भी शिवराज सरकार ने चला है लेकिन इन सबके बीच चुनाव में जिस मुद्दे को सबसे बड़ा बनाया जा रहा वो लाडली बहना योजना है. बीजेपी को लगता है कि यही योजना उसके ल‍िए चुनाव में मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकती है.

महिलाओं का मासिक भत्ता 3,000 रुपए करने का वादा 
 
एमपी सरकार ने इसी साल 5 मार्च को गरीब महिलाओं के लिए इस योजना की शुरुआत की थी. इसके  जरिये महिलाओं को पहले एक हजार रुपये मासिक भत्ता दिया जाता था. लेकिन अब इसकी राशि बढ़ाकर 1250 रुपये कर दी गई है. बीजेपी का वादा तो यह है कि आने वाले दिनों में इसे बढ़ाकर 3,000 रुपये किया जाएगा. इस योजना को भुनाने का प्रयास भी बीजेपी के बड़े नेता मंच से खूब कर रहे हैं. कांग्रेस भी चुनावी वादा कर है कि अगर सत्‍ता में आएंगे तो महिलाओं को 1500 रुपये की मदद की जाएगी.  
 
'गैर-कांग्रेसी प्रत्‍याशी की मदद से होगा बीजेपी को फायदा'
 
बीजेपी एमपी के चुनावी रण को कुछ चाणक्‍य नीत‍ि के साथ खेल रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह  ने सपा-बसपा के प्रत्याशियों के सहारे नई रणनीति तैयार की है. ग्वालियर में अमित शाह ने बीजेपी नेताओं से गैर कांग्रेस प्रत्याशियों की मदद के लिए कहा था. उन्होंने उदाहरण देते हुए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का जिक्र किया था. तर्क दिया कि ये दल कांग्रेस के वोट काटेंगे और बीजेपी को फायदा होगा. 

रैल‍ियों में अब श‍िवराज सरकार की योजनाओं का ज‍िक्र ज्‍यादा
 
चुनाव नजदीक आते-आते अब बीजेपी श‍िवराज स‍िंह चौहान सरकार की योजनाओं की तारीफ कर वोटर को र‍िझाने की कोश‍िश कर रही है. पहले की चुनावी जनसभाओं व रैल‍ियों में अब श‍िवराज सरकार की योजनाओं को बखान ज्‍यादा हो रहा है जोक‍ि चुनावी रणनीत‍ि में थोड़े बदलाव को दर्शा रहा है. हालांक‍ि बीजेपी सामूह‍िक नेतृत्‍व के साथ चुनावी समर में उतरी हुई है. एमपी चुनाव के पर‍िणाम क्‍या रहेंगे, यह तो आने वाली 3 द‍िसंबर की तारीख ही तय करेगी. मध्‍य प्रदेश की 230 व‍िधानसभा सीटों पर चुनाव 17 नवंबर को होंगे.    

यह भी पढ़ें: MP Election 2023: मध्य प्रदेश में बीजेपी खेल रही मास्टरस्ट्रोक, सपा और बसपा के सहारे कांग्रेस को मात देने की तैयारी