अकीदत से मनाया बाबा पंजाबी का उर्स, पेश किए अकीदत के फूल

अकीदत से मनाया बाबा पंजाबी का उर्स, पेश किए अकीदत के फूल
अकीदत से मनाया बाबा पंजाबी का उर्स, पेश किए अकीदत के फूल
अकीदत से मनाया बाबा पंजाबी का उर्स, पेश किए अकीदत के फूल
अकीदत से मनाया बाबा पंजाबी का उर्स, पेश किए अकीदत के फूल

हरदा: हजरत बाबा पंजाबी शाह बाबा का सालाना उर्स प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी बड़ी अकीदत के साथ मनाया गया। जायरीनों ने मजार ए अकदस पर चादर और गुलपोशी की। कुल शरीफ और फातेहा के बाद तबर्रुक तकसीम किया गया।

स्थानीय कब्रिस्तान में स्थित सूफी शाह पंजाबी बाबा के उर्स की रस्म गुस्ल और संदल पेश करने के साथ अदा की गई । इस दौरान मदरसा असहाबे सुफ्फा के बानी मौलाना हसन मुशन्ना बरकाती साहब द्वारा बाबा पंजाबी रअ. की (सवान ए हयात) जीवनी के बारे में लोगो को जानकारी दी। उन्होंने कहा की हमे अल्लाह के नेक बंदो औलिया अल्लाह को अपना आइडियल मानना चाहिए ताकि देश और समाज की उन्नति हो सकें। सुफीजम पर चलने वाले लोग कभी गुमराही का शिकार नहीं होते और न ही किसी अपराध की और जाते हैं। ये हमारे लिए फर्क(गर्व) की बात हैं की हमारे मुल्क हिंदुस्तान में बे शुमार सूफीयो के आस्ताने (दरगाह) मौजूद हैं जिसका हम सभी फैज (लाभ) ले रहे हैं। मौलाना की तकरीर के बाद हाफीज कारी शफी उल्लाह साहब द्वारा बारगाहे रिसालत में सलातो सलाम का नजराना पेश किया गया। वहीं जायरीनों द्वारा बाबा पंजाबी रअ. की मजार पर अकीदत से फूल और चादर पेश की गई। आपको बता दे की पीछले 16 वर्षो से प्रति वर्ष बाबा पंजाबी रअ. के अकीदतमंत हरदा कब्रिस्तान में स्थित बाबा की दरगाह पर उर्स का आयोजन करते आ रहे हैं। जिसमे शहर भर के सैकड़ों अकीदतमंत शामिल होकर अपनी हाजरी (उपस्थित) दर्ज कराते हैं। उर्स रस्म अदायगी के दौरान मौलाना हसन मुसन्ना बरकाती साहब द्वारा दुआ मांगी गई जिसमें शहर और देश में अमन भाईचारे का जिक्र किया गया। जिसके बाद मौजूद जायरीनों ने।  मजार पर हाजरी दी इस दौरान अकीदतमंदों ने अपनी मन्नतें मांगी। तबर्रुक (प्रसाद) तकसीम (वितरण) किया गया। जिसके बाद आयोजन समाप्त हुआ।