'मैडम, कृपया उदार बनें क्योंकि...', शांतिनिकेतन में पट्टिका पर नाम को लेकर गहराया विवाद, पत्र लिखकर VC ने CM ममता बनर्जी को घेरा

West Bengal News: पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में पट्टिका पर नाम को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है. अब विश्व भारती के वाइस चांसलर बिद्युत चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है, जिसमें सीएम और उनके मंत्रियों पर जमकर निशाना साधा गया है. पत्र के जरिये टीएमसी के नेताओं पर चाटुकारिता, घमंड और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया और कहा गया है कि सीएम ममता बनर्जी उनके कहने पर चल रही हैं. टीएमसी नेताओं ने दावा किया है कि वाइस चांसलर का पत्र केंद्र सरकार का उनके (वीसी) पक्ष में ध्यान खींचने के लिए किया गया प्रयास है क्योंकि वह एक्सटेंशन चाह रहे हैं. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए वाइस चांसलर पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, ''(पत्र की) भाषा बहुत अपमानजनक है. स्थिति यह है कि विश्वभारती (विश्वविद्यालय) में रवींद्रनाथ ठाकुर (टैगोर) का नाम नहीं है लेकिन वह व्यक्ति (कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती) पीएम मोदी और उनके नाम का उपयोग कर रहे हैं. वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है.'' कहां से शुरू हुआ विवाद? बता दें कि शांतिनिकेतन वह स्थान है जहां नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने करीब एक सदी पहले विश्वभारती विश्वविद्यालय का निर्माण कराया था. शांतिनिकेतन को हाल में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया है. इस अवसर पर जो पट्टिकाएं लगाई गई हैं, उनमें कुलपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का जिक्र है लेकिन टैगोर का नहीं, जिस पर सीएम ममता बनर्जी ने आपत्ति जताई है. सीएम ममता बनर्जी ने क्या कहा था? सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार (28 अक्टूबर) को अपने X हैंडल से एक पोस्ट में लिखा था, ''गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने शांतिनिकेतन - विश्व भारती में एक विश्व धरोहर स्थल (अब यूनेस्को की ओर से मान्यता प्राप्त) बनाया लेकिन वहां के मौजूदा संस्थागत अधिकारियों ने इस मौके पर स्थल स्मारक जिन पट्टिकाओं की व्यवस्था की है उन पर कुलपति का नाम तो है लेकिन गुरुदेव का नाम नहीं है! यह टैगोर का अपमान करता है और हमारे राष्ट्र के संस्थापकों के उपनिवेशवाद विरोधी विरासत-निर्माण प्रयासों को कमतर करता है.'' इसी के साथ सीएम ने लिखा था, ''केंद्र सरकार को उचित सलाह दी जाती है कि वह अहंकारी आत्म-प्रदर्शन की इस आत्ममुग्धता को तत्काल दूर करे और गुरुदेव को श्रद्धांजलि दे जैसा कि देश उनका ऋणी है.'' विश्व भारती के वाइस चांसलर ने सीएम को भेजे पत्र में क्या कहा? इसके विश्व भारती के वाइस चांसलर बिद्युत चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. वाइस चांसलर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ''पट्टिका तैयार करते वक्त हमें एएसआई के निर्देशों का पालन करना होगा और हम ऐसा कर रहे हैं, जिसका नतीजा जल्द ही दिखाई देगा.'' एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुलपति यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, ''मैडम, कृपया उदार बनें क्योंकि आप अपने वफादारों की तरह दूसरों की भी मुख्यमंत्री हैं जो हमेशा चापलूस नहीं हो सकते. आपके राजनीतिक दल के एक अहंकारी राज्यसभा सदस्य ने पहचान हासिल करने की कोशिश की और तत्कालीन प्रधानमंत्री ने भी बिना किसी सफलता के प्रयास किया.'' '...जो आपके आस-पास के चाटुकारों से बिल्कुल अलग हैं' कुलपति ने आगे कहा, ''हमारे यहां कैंपस में सक्षम व्यक्ति भी हैं जो आपके आस-पास के चाटुकारों से बिल्कुल अलग हैं... माननीय प्रधानमंत्री हमारे माननीय चांसलर हैं और इस विश्व धरोहर टैग को प्राप्त करने में उनकी भूमिका का किसी भी उपलब्ध मापदंड में अनुमान नहीं लगाया जा सकता है.'' बता दें कि विश्वभारती एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय है जिसके कुलाधिपति प्रधानमंत्री हैं. कुलपति चक्रवर्ती ने पत्र में जेलों मे बंद टीएमसी मंत्रियों और महुआ मोइत्रा मामले का भी जिक्र करते हुए सीएम ममता को घेरा है. यह भी पढ़ें- Electoral Bonds Issue: 'राजनीतिक दलों को मिले चंदे की जानकारी पाना नागरिकों का मौलिक अधिकार नहीं', सुप्रीम कोर्ट से बोली सरकार

'मैडम, कृपया उदार बनें क्योंकि...', शांतिनिकेतन में पट्टिका पर नाम को लेकर गहराया विवाद, पत्र लिखकर VC ने CM ममता बनर्जी को घेरा

West Bengal News: पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में पट्टिका पर नाम को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है. अब विश्व भारती के वाइस चांसलर बिद्युत चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है, जिसमें सीएम और उनके मंत्रियों पर जमकर निशाना साधा गया है. पत्र के जरिये टीएमसी के नेताओं पर चाटुकारिता, घमंड और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया और कहा गया है कि सीएम ममता बनर्जी उनके कहने पर चल रही हैं.

टीएमसी नेताओं ने दावा किया है कि वाइस चांसलर का पत्र केंद्र सरकार का उनके (वीसी) पक्ष में ध्यान खींचने के लिए किया गया प्रयास है क्योंकि वह एक्सटेंशन चाह रहे हैं. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए वाइस चांसलर पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, ''(पत्र की) भाषा बहुत अपमानजनक है. स्थिति यह है कि विश्वभारती (विश्वविद्यालय) में रवींद्रनाथ ठाकुर (टैगोर) का नाम नहीं है लेकिन वह व्यक्ति (कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती) पीएम मोदी और उनके नाम का उपयोग कर रहे हैं. वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है.''

कहां से शुरू हुआ विवाद?

बता दें कि शांतिनिकेतन वह स्थान है जहां नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने करीब एक सदी पहले विश्वभारती विश्वविद्यालय का निर्माण कराया था. शांतिनिकेतन को हाल में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया है. इस अवसर पर जो पट्टिकाएं लगाई गई हैं, उनमें कुलपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का जिक्र है लेकिन टैगोर का नहीं, जिस पर सीएम ममता बनर्जी ने आपत्ति जताई है.

सीएम ममता बनर्जी ने क्या कहा था?

सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार (28 अक्टूबर) को अपने X हैंडल से एक पोस्ट में लिखा था, ''गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने शांतिनिकेतन - विश्व भारती में एक विश्व धरोहर स्थल (अब यूनेस्को की ओर से मान्यता प्राप्त) बनाया लेकिन वहां के मौजूदा संस्थागत अधिकारियों ने इस मौके पर स्थल स्मारक जिन पट्टिकाओं की व्यवस्था की है उन पर कुलपति का नाम तो है लेकिन गुरुदेव का नाम नहीं है! यह टैगोर का अपमान करता है और हमारे राष्ट्र के संस्थापकों के उपनिवेशवाद विरोधी विरासत-निर्माण प्रयासों को कमतर करता है.''

इसी के साथ सीएम ने लिखा था, ''केंद्र सरकार को उचित सलाह दी जाती है कि वह अहंकारी आत्म-प्रदर्शन की इस आत्ममुग्धता को तत्काल दूर करे और गुरुदेव को श्रद्धांजलि दे जैसा कि देश उनका ऋणी है.''

विश्व भारती के वाइस चांसलर ने सीएम को भेजे पत्र में क्या कहा?

इसके विश्व भारती के वाइस चांसलर बिद्युत चक्रवर्ती ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. वाइस चांसलर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ''पट्टिका तैयार करते वक्त हमें एएसआई के निर्देशों का पालन करना होगा और हम ऐसा कर रहे हैं, जिसका नतीजा जल्द ही दिखाई देगा.''

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुलपति यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, ''मैडम, कृपया उदार बनें क्योंकि आप अपने वफादारों की तरह दूसरों की भी मुख्यमंत्री हैं जो हमेशा चापलूस नहीं हो सकते. आपके राजनीतिक दल के एक अहंकारी राज्यसभा सदस्य ने पहचान हासिल करने की कोशिश की और तत्कालीन प्रधानमंत्री ने भी बिना किसी सफलता के प्रयास किया.''

'...जो आपके आस-पास के चाटुकारों से बिल्कुल अलग हैं'

कुलपति ने आगे कहा, ''हमारे यहां कैंपस में सक्षम व्यक्ति भी हैं जो आपके आस-पास के चाटुकारों से बिल्कुल अलग हैं... माननीय प्रधानमंत्री हमारे माननीय चांसलर हैं और इस विश्व धरोहर टैग को प्राप्त करने में उनकी भूमिका का किसी भी उपलब्ध मापदंड में अनुमान नहीं लगाया जा सकता है.''

बता दें कि विश्वभारती एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय है जिसके कुलाधिपति प्रधानमंत्री हैं. कुलपति चक्रवर्ती ने पत्र में जेलों मे बंद टीएमसी मंत्रियों और महुआ मोइत्रा मामले का भी जिक्र करते हुए सीएम ममता को घेरा है.

यह भी पढ़ें- Electoral Bonds Issue: 'राजनीतिक दलों को मिले चंदे की जानकारी पाना नागरिकों का मौलिक अधिकार नहीं', सुप्रीम कोर्ट से बोली सरकार