Congress Funding: कांग्रेस की ताकत देख डोनर्स ने थामा 'हाथ', जहां पार्टी मजबूत वहां मिला सबसे ज्यादा चंदा, समझें इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा फंडा

Electoral Bonds: चुनाव आयोग ने जब से इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है. तब से इस बात को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है कि चुनावी चंदा हासिल करने के मामले में बीजेपी अव्वल है. हालांकि, जब आप इलेक्टोरल बॉन्ड के पैटर्न को समझने की कोशिश करेंगे, तो पता चलेगा कि कांग्रेस को भी खूब चंदा मिला है. हालांकि, कांग्रेस को डोनर्स के जरिए चंदा उस समय मिला, जहां वह किसी राज्य में मजबूत नजर आ रही थी.  इलेक्टोरल बॉन्ड्स के डाटा को देखने से पता चलता है कि 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक बीजेपी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपये मिले. इसके बाद दूसरे नंबर पर 1,609 करोड़ रुपये के साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और तीसरे नंबर कांग्रेस पार्टी रही है, जिसे 1,421 करोड़ रुपये मिले. हालांकि, बॉन्ड के इस आंकड़े से पूरी तस्वीर साफ नहीं होती है. कांग्रेस कई राज्यों में चुनावी चंदे के मामले में बीजेपी से आगे खड़ी नजर आई है.  डाटा से क्या सामने आया?  इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि कई फेज में इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया गया. फेज 9 और 30 के बीच बीजेपी ने कुल 42.7% इलेक्टोरल बॉन्ड्स को भुनाया, जबकि इस दौरान कांग्रेस ने सिर्फ 9.1 फीसदी बॉन्ड्स को ही भुना पाई. इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाने के कुछ चरणों में कांग्रेस बीजेपी से काफी आगे नजर आई है. खासतौर पर उस वक्त कांग्रेस का दबदबा रहा, जब उन राज्यों में चुनाव होने थे, जहां पार्टी मजबूत थी.  बीजेपी को कब पछाड़ती दिखी कांग्रेस?  कांग्रेस को क्रमशः जनवरी 2021 और जुलाई 2021 के चरण 15 और 17 में सबसे ज्यादा चंदा मिला. वह इस दौरान बीजेपी को पछाड़ती हुई नजर आई. यहां गौर करने वाली बात ये है कि इसी समय दक्षिण भारत के तीन राज्यों में चुनाव हुए, जिसमें तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल शामिल थे. इन राज्यों में कांग्रेस की अच्छी पकड़ है. कांग्रेस ने चरण 15 में 7.1 करोड़ रुपये, जबकि बीजेपी ने सिर्फ 1.5 करोड़ के बॉन्ड्स इनकैश किए. ऐसे ही चरण 17 में कांग्रेस ने 24.7 करोड़ तो बीजेपी ने 18 करोड़ के बॉन्ड्स को भुनाया.  जिन जीत की गुंजाइश, वहां हुई अच्छी फंडिंग आंकड़ों को देखने से एक बात और पता चली कि जिन राज्यों में कांग्रेस के जीत के चांस ज्यादा थे. वहां होने वाले चुनाव के दौरान पार्टी को खूब चंदा मिला. पिछले साल जब छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और मिजोरम में चुनाव हो रहे थे, उस वक्त कांग्रेस का खजाना चुनावी चंदे से भरा जा रहा था.  इसकी वजह ये थी कि डोनर्स को लग रहा था कि कांग्रेस इन राज्यों में सरकार बना सकती है. अक्टूबर 2023 के समय चुनाव हुए थे और उस समय कांग्रेस ने 401.9 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड्स को भुनाया, जबकि बीजेपी ने 359 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स को इनकैश किया. यह भी पढ़ें: Electoral Bonds: टाटा-अंबानी-अडानी नहीं, ये हैं सियासी दलों को चुनावी चंदा देने वाले डोनर्स की लिस्ट

Congress Funding: कांग्रेस की ताकत देख डोनर्स ने थामा 'हाथ', जहां पार्टी मजबूत वहां मिला सबसे ज्यादा चंदा, समझें इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा फंडा

Electoral Bonds: चुनाव आयोग ने जब से इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है. तब से इस बात को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है कि चुनावी चंदा हासिल करने के मामले में बीजेपी अव्वल है. हालांकि, जब आप इलेक्टोरल बॉन्ड के पैटर्न को समझने की कोशिश करेंगे, तो पता चलेगा कि कांग्रेस को भी खूब चंदा मिला है. हालांकि, कांग्रेस को डोनर्स के जरिए चंदा उस समय मिला, जहां वह किसी राज्य में मजबूत नजर आ रही थी. 

इलेक्टोरल बॉन्ड्स के डाटा को देखने से पता चलता है कि 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक बीजेपी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपये मिले. इसके बाद दूसरे नंबर पर 1,609 करोड़ रुपये के साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और तीसरे नंबर कांग्रेस पार्टी रही है, जिसे 1,421 करोड़ रुपये मिले. हालांकि, बॉन्ड के इस आंकड़े से पूरी तस्वीर साफ नहीं होती है. कांग्रेस कई राज्यों में चुनावी चंदे के मामले में बीजेपी से आगे खड़ी नजर आई है. 

डाटा से क्या सामने आया? 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि कई फेज में इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया गया. फेज 9 और 30 के बीच बीजेपी ने कुल 42.7% इलेक्टोरल बॉन्ड्स को भुनाया, जबकि इस दौरान कांग्रेस ने सिर्फ 9.1 फीसदी बॉन्ड्स को ही भुना पाई. इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाने के कुछ चरणों में कांग्रेस बीजेपी से काफी आगे नजर आई है. खासतौर पर उस वक्त कांग्रेस का दबदबा रहा, जब उन राज्यों में चुनाव होने थे, जहां पार्टी मजबूत थी. 

बीजेपी को कब पछाड़ती दिखी कांग्रेस? 

कांग्रेस को क्रमशः जनवरी 2021 और जुलाई 2021 के चरण 15 और 17 में सबसे ज्यादा चंदा मिला. वह इस दौरान बीजेपी को पछाड़ती हुई नजर आई. यहां गौर करने वाली बात ये है कि इसी समय दक्षिण भारत के तीन राज्यों में चुनाव हुए, जिसमें तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल शामिल थे. इन राज्यों में कांग्रेस की अच्छी पकड़ है. कांग्रेस ने चरण 15 में 7.1 करोड़ रुपये, जबकि बीजेपी ने सिर्फ 1.5 करोड़ के बॉन्ड्स इनकैश किए. ऐसे ही चरण 17 में कांग्रेस ने 24.7 करोड़ तो बीजेपी ने 18 करोड़ के बॉन्ड्स को भुनाया. 

जिन जीत की गुंजाइश, वहां हुई अच्छी फंडिंग

आंकड़ों को देखने से एक बात और पता चली कि जिन राज्यों में कांग्रेस के जीत के चांस ज्यादा थे. वहां होने वाले चुनाव के दौरान पार्टी को खूब चंदा मिला. पिछले साल जब छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और मिजोरम में चुनाव हो रहे थे, उस वक्त कांग्रेस का खजाना चुनावी चंदे से भरा जा रहा था. 

इसकी वजह ये थी कि डोनर्स को लग रहा था कि कांग्रेस इन राज्यों में सरकार बना सकती है. अक्टूबर 2023 के समय चुनाव हुए थे और उस समय कांग्रेस ने 401.9 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड्स को भुनाया, जबकि बीजेपी ने 359 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स को इनकैश किया.

यह भी पढ़ें: Electoral Bonds: टाटा-अंबानी-अडानी नहीं, ये हैं सियासी दलों को चुनावी चंदा देने वाले डोनर्स की लिस्ट